बिना कोचिंग अंशुमान ने ऐसे की UPSC परीक्षा पास, कभी तो दो वक़्त की रोटी की होती थी दिक्कत
IAS की सफलता की कहानी: अंशुमान राज की प्रेरणादायक यात्रा
अंशुमान राज की कहानी उन लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत है जो कठिन परिस्थितियों और सीमित संसाधनों के बावजूद सफलता की ऊँचाइयों तक पहुंचना चाहते हैं। अंशुमान का जीवन और उनकी यात्रा यह साबित करती है कि अगर मेहनत, आत्मविश्वास, और दृढ़ संकल्प हो तो कोई भी बाधा आपको आपके लक्ष्य तक पहुँचने से रोक नहीं सकती।
अंशुमान राज की कठिन परिस्थितियों में बीती ज़िंदगी
अंशुमान का जन्म बिहार के बक्सर जिले में हुआ, जहां उनके परिवार को रोज़मर्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए संघर्ष करना पड़ता था। आर्थिक कठिनाइयों के चलते, उन्हें दो वक्त की रोटी जुटाने के लिए भी दिक्कत होती थी। ऐसे में उनके लिए महंगी कोचिंग कक्षाओं का खर्च उठाना असंभव था। लेकिन अंशुमान की पढ़ाई के प्रति लगन और समर्पण ने उन्हें यूपीएससी (UPSC) की तैयारी में मदद की।
संघर्ष और मेहनत का सफर
अंशुमान ने अपने सपनों को पूरा करने के लिए लैंप की हल्की रोशनी में पढ़ाई की। वे जानते थे कि उनकी सफलता की राह में सबसे बड़ी चुनौती आर्थिक कठिनाइयां हैं, लेकिन उन्होंने हार मानने की बजाय अपनी मेहनत और आत्मविश्वास को बनाए रखा। पहले प्रयास में वे आईआरएस (IRS) के रूप में चयनित हुए, लेकिन उन्होंने अपनी राह पर डटे रहते हुए, दो बार निराशा का सामना किया। अंततः, चौथे प्रयास में, 2019 में उन्होंने 107वीं रैंक प्राप्त की।
प्रेरणादायक कहानी
अंशुमान की सफलता की कहानी यह बताती है कि सीमित संसाधनों के बावजूद, अगर आपके पास दृढ़ संकल्प और सही रणनीति हो, तो आप अपनी मंजिल तक पहुंच सकते हैं। उन्होंने साबित किया कि आत्मविश्वास, मेहनत, और सही समय प्रबंधन की मदद से किसी भी बाधा को पार किया जा सकता है।
संसाधनों की कमी नहीं, बल्कि समर्पण है महत्वपूर्ण
अंशुमान की सफलता इस बात की मिसाल है कि सफलता के लिए संसाधनों की नहीं, बल्कि समर्पण, मेहनत और सही दिशा में प्रयास करने की जरूरत होती है। उनके अनुभव से यह सिखने को मिलता है कि गांव में रहकर भी यूपीएससी की तैयारी की जा सकती है, बशर्ते कि आप अपने लक्ष्य के प्रति ईमानदार और समर्पित हों।
अंशुमान की कहानी उन लाखों युवाओं के लिए एक प्रेरणा है जो अपने सपनों को साकार करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उनकी सफलता यह सिखाती है कि कठिनाईयों और सीमित संसाधनों के बावजूद सही मार्गदर्शन, लगन, और आत्मविश्वास के साथ मेहनत की जाए, तो कोई भी लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है।